Bhadrapada Amavasya 2023: यहां जानें भाद्रपद अमावस्या की सही तारीख़ 14 है या 15 सितंबर ?
When is Bhadrapada Amavasya 2023 Know Here Correct Date and Shubh Muhurat
Bhadrapada Amavasya 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह अमावस्या तिथि आती है और पितरों को प्रसन्न करने के लिए ये दिन बहुत खास होता है। भाद्रपद में आने वाली अमावस्या को कुशोत्पतिनी अमावस्या, कुशग्रहणी अमावस्या और पिठोरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ, धर्म-कर्म करने से पूर्वजों का आशीर्वाद सात पीढ़ियों तक बना रहता है। इस बार साल 2023, जहां राखी का शुभ मुहूर्त भी दो तारीखों में बंट रहा था वही इस बार की भाद्रपद अमावस्या की तारीख़ को लेकर काफी कन्फ्यूजन चल रही है, 14 या 15 सितंबर को लेकर मतभेद है। तो चलिए जानते है भाद्रपद अमावस्या की सही तारीख़ और शुभ मुहूर्त इस लेख में।
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भाद्रपद अमावस्या 14 या 15 सितंबर 2023
पंचांग के मुताबिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 14 सितंबर 2023 को सुबह 4.48 मिनट से होगी और 15 सितंबर 2023 सुबह 7.09 मिनट पर इसका समापन होगा। उदया तिथि के मुताबिक 14 सितंबर गुरुवार के दिन अमावस्या का स्नान और पितरों की पूजा की जाएगी।
स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है। इस बार अमावस्या तिथि पर शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र 14 सितंबर से शुरू होकर 15 सितंबर की सुबह 4 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। ब्रह्ममुहूर्त का समय:- सुबह 4:32 मिनट से सुबह 5:19 मिनट तक और दान करने के लिए मुहूर्त- सुबह 06:05 मिनट से लेकर सुबह 7:38 मिनट तक
भाद्रपद अमावस्या पर करें ये काम
पूजा-अर्चना और दान-पुण्य के अलावा घास जरुर एकत्रित करें। देवी-देवताओं और पितरों की पूजा करने के लिए कुशा बहुत खास होती है। कहते हैं कि इस कुशा को साल भर में पितरों के श्राद्ध कर्म के लिए उपयोग किया जाए तो हर कार्य बिना किसी रुकावट के पूरा हो जाता है। कुश के आसन पर बैठकर पूजा करना बहुत शुभ होता है। ऐसा करने से देवी-देवता पूजा जल्दी स्वीकार करते हैं।